RBI New Rule CIBIL Score: CIBIL स्कोर, जिसे क्रेडिट स्कोर भी कहा जाता है, आपके वित्तीय व्यवहार का एक मापदंड है। यह आपके लोन की पात्रता और क्रेडिट कार्ड के आवेदन स्वीकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए नियमों के तहत, CIBIL स्कोर अब हर 15 दिन में अपडेट होगा, जिससे आपको अपनी वित्तीय स्थिति पर ज्यादा ध्यान देने का अवसर मिलेगा। यदि आप बार-बार अपने CIBIL स्कोर को चेक करते हैं, तो जानिए इससे आपके स्कोर पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।
CIBIL स्कोर क्या है?
CIBIL स्कोर एक तीन अंकों का नंबर है जो आपके क्रेडिट इतिहास और क्रेडिटवर्थिनेस को दर्शाता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, जिसमें 750 या उससे अधिक का स्कोर अच्छा माना जाता है। यदि आपका स्कोर कम है, तो बैंक और वित्तीय संस्थान आपको लोन देने में हिचकिचाते हैं।
क्या बार-बार CIBIL स्कोर चेक करने से यह प्रभावित होता है?
कई लोग यह सोचते हैं कि बार-बार अपने CIBIL स्कोर की जांच करना उनके स्कोर को गिरा सकता है। इसका उत्तर है नहीं, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। जब आप अपने स्कोर को चेक करते हैं तो इसे ‘सॉफ्ट इंक्वायरी’ कहा जाता है, जिसका आपके स्कोर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। लेकिन जब बैंक या वित्तीय संस्थान आपके स्कोर की जांच करते हैं, तो इसे ‘हार्ड इंक्वायरी’ कहा जाता है, और यह आपके स्कोर को प्रभावित कर सकता है।
नए RBI नियमों का प्रभाव
हाल ही में RBI ने CIBIL स्कोर से संबंधित कुछ नए नियम लागू किए हैं। अब अगर कोई बैंक या वित्तीय संस्थान बार-बार आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करता है, तो इसका प्रभाव अधिक गहरा होगा। यदि आप लगातार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो यह आपके स्कोर को जल्दी गिरा सकता है।
RBI New Rule CIBIL Score
CIBIL स्कोर कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- लोन का समय पर न चुकाना: यदि आप अपनी EMI या क्रेडिट कार्ड के बिल को समय पर नहीं भरते हैं, तो इससे आपके स्कोर में गिरावट हो सकती है।
- बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना: इससे आपकी प्रोफाइल पर कई बार हार्ड इंक्वायरी होती है, जो स्कोर को कम कर सकती है।
- क्रेडिट कार्ड की लिमिट का पूर्ण रूप से उपयोग करना: अगर आप अपनी लिमिट का 30-40% से अधिक उपयोग करते हैं, तो यह आपके स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है।
- गलत लोन गारंटर बनना: अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति का लोन गारंटी देते हैं, जो समय पर लोन नहीं चुका पा रहा है, तो इसका असर आपके CIBIL स्कोर पर पड़ेगा।
RBI New Rule CIBIL Score
यदि आपका CIBIL स्कोर कम हो गया है, तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। आप कुछ सरल कदम उठाकर इसे सुधार सकते हैं:
- EMI और क्रेडिट कार्ड के बिल को समय पर चुकाएं: किसी भी प्रकार की देरी से आपके स्कोर में गिरावट आ सकती है।
- लोन की आवश्यकता का विश्लेषण करें: बिना जरूरत के लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए बार-बार आवेदन करने से बचें।
- क्रेडिट कार्ड बैलेंस को लिमिट से कम रखें: आपके खर्च 30-40% क्रेडिट लिमिट के भीतर रहना चाहिए।
- अपने CIBIL स्कोर की नियमित जांच करें: समय-समय पर अपनी वित्तीय स्थिति की जांच करना फायदेमंद हो सकता है।
- लोन गारंटी देने से पहले सावधानी बरतें: किसी और का लोन गारंटर बनने से पहले सुनिश्चित करें कि वह व्यक्ति अपनी EMI चुकता कर सकेगा।
निष्कर्ष
CIBIL स्कोर आपकी वित्तीय सेहत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे बनाए रखना आवश्यक है। यदि आपका स्कोर 750 से ऊपर है, तो लोन लेने में आसानी होगी। RBI के नए नियमों के अंतर्गत, स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होगा, जिससे आपको अपनी क्रेडिट स्थिति का बेहतर नियंत्रण मिलेगा। ध्यान रखें कि बिना जरूरत लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन न करें, समय पर अपनी EMI भरें और अपनी क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन लिमिट को संतुलित रखें। इस प्रकार, आप अपने CIBIL स्कोर को बेहतर बनाए रख सकते हैं और भविष्य में किसी भी वित्तीय आवश्यकता के लिए आसानी से लोन पा सकते हैं।
आपकी वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के लिए यह जानकारी आवश्यक है, इसलिए इसे अपने मित्रों और परिवार के साथ साझा करें।